ख़रीदार, वित्तीय विश्लेषक, लॉजिस्टिक विशेषज्ञ, लेखाकार, विक्रय एजेंट और अन्य व्यवस्थापक और लिपिकीय कामगार।
2.
लघु उद्योग क्षेत्र / सेवा क्षेत्र के विनिर्माताओं-विक्रेताओं, जिनमें निर्माण/ विक्रय एजेंट भी शामिल हैं, को इस बात के लिए समर्थ बनाना कि वे ऋण आधारित बिक्री के लिए आस्थगित भुगतान शर्तों की पेशकश कर सकें और बिक्री आगमों की प्राप्ति ऐसी बिक्री से उत्पन्न विनिमय बिलों/वचनपत्रों की भुनाई से कर सकें।